परियों की रानी बोलती है
दीवार में चुप चुप के जीवन का आध्यात्मिक राज़ बोलती है
जीवन में सब कुछ क्षण भंगुर है
कल की आयु आज के चैन में है
किसी ने पूछा नही, किसी ने सुना नही, किसी ने समझा नही
आख़िर अन्तिम साँस लपेटे हुए ऊपर का भी मेहमान बनके चलते हैं
आंखों में आँसू पोंछ्के वो फ़िर से बोलती है
आज एक अनमोल रत्न है
यही है जीवन का आध्यात्मिक
2 comments:
I need a Hindi translator to understand this :(
@Chap,
The poem says, Today" is a gift.Tomorrow's happiness is today's deeds.So live your today.
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